Budget Deficit : जब व्यय (Expenditure), राजस्व (Revenue) से अधिक हो जाता है| यह किसी भी देश की वित्तीय स्वास्थ को इंगित करता है| सामान्य तौर पर देश की सरकार द्वारा बजट घाटा शब्द का प्रयोग तब करती है जब वह खर्च या व्यय करने करने का उल्लेख कर रही हो|
बजट घाटा क्या होता है (budget deficit)
- वित्तीय लेनदेन के मामले में जब बजट घाटे की पहचान की जाती है तब सरकार की वर्तमान व्यय, मानक प्रचालनों के जरीय प्राप्त आय से अधिक हो जाता है|
- जो भी अपने देश की आर्थिक स्थिति को वेहतर करने की कोशिश करता है, तो वह अपने खर्चों को कम करता है या राजस्व (revenue) को बढ़ाने की कोशिश करता है या फिर इन दोनों पहलुओं पर एक साथ काम करता है|
- कुछ अप्रत्यशित घटनाओं तथा सरकार की नीतियों के बजह से भी बजट घाटा की स्थिति उत्त्पन हो जाता है| सरकारें देश में करों को बढ़ा देता है और अपने व्यय को थोड़ा कम कर देता है|
नुकसान
- इसका सबसे बड़ा महंगाई दर है यानि की वस्तुओं के कीमतों में लगातार वृद्धि, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बजट घाटा किसी भी देश के केन्द्रीय बैंक को उनकी अर्थव्यवस्था से अधिक धन जारी करने के लिए बाध्य कर सकता है जिससे की बाजार में धन बढ़ जाती है और महंगाई में लगातार वृद्धि होती रहती है और आखिरकार उस देश में मंदी आ जायेगी| इसके अलावे लगातार बजट घाटे से हर वर्ष सरकार को महंगाई संबंधी मौद्रिक नीति भी बनानी पड़ सकती है|
रणनीति
- सरकारी व्यय को कम करने तथा करों में वृद्धि जैसे तरीकों को अपनाकर देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देकर बजट घाटे से मुकाबला करता है|
- मान लिया जाय की रणनीति रेगुलेंशस में कमी और बिजनेस कांफिडेंस में सुधार लाने के लिए, कम्पनी करों को कम तथा करों से ट्रेजरी इनफ्लो बढाने की हो सकती है|
- कोई भी देश ट्रेजरी बिलों और बांड्स जैसे डेट इंश्युरेंस सिक्यूरिटी पर पेमेंट कवर करने के लिए अधिक करेंसी छाप सकता है| यह तरीका भुगतान करने के लिए एक एक बेहतर तंत्र उपलब्ध तो करा सकता है किन्तु उस देश की करेंसी के अवमूल्यन का भी खतरा बना रहता है ऐसा होने से हाइपरइन्फ्लेशन की स्थिति उत्तपन हो जाती है|