Category: इतिहास

मुहम्मद गोरी

मुहम्मद गोरी : गयासुद्धीन मुहम्मद बिन साम ने 1163 ई० में गजनी के पास गोर नामक एक स्वतंत्र रियासत की स्थपाना की| गयासुद्धीन मुहम्मद बिन साम 1173 ई० में गिज के तुर्कों को गजनी से खदेड़ दिया और अपने भाई शिहाबुद्धीन मुहम्मद बिन साम को वहाँ की गद्दी पर बैठा दिया| शिहाबुद्धीन मुहम्मद बिन साम […]

चंदेल वंश का इतिहास | Chandel vansh History

चंदेल वंश (Chandel vansh) गढ़वाल वंश के पतन के बाद नन्नुक द्वारा बुन्देल खण्ड में चंदेल वंश (Chandel vansh) की स्थापना की और खजुराहों को अपनी राजधानी बना शासन किया हालाँकि यह गुर्जर प्रतिहारों के अधीन सामन्त रहें| लेखों में चंदेलों को चंद्रोदय या चन्द्रत्रेय कहा गया है इसे ऋषि का वंशज बताया गया है| […]

पाण्ड्य वंश का इतिहास

पाण्ड्य वंश पाण्ड्य वंश के बारे प्रथम उल्लेख पाणिनि द्वारा रचित अष्टाध्यायी नामक ग्रन्थ से मिलाता है, यह ग्रन्थ व्याकरण के आधारित एक ग्रन्थ है| इसके अलावे रामायण, महाभारत, चाणक्य के अर्थशास्त्र, मेगास्थनीज के इंडिका और अशोक के शिलालेखों में भी इस राजवंश के बारे में जानकारी मिलती है| मेगास्थनीज के इंडिका में पाण्ड्य को […]

पल्लव वंश का इतिहास | Pallav vansh History

पल्लव वंश – Pallav vansh सन् 575 ई० में सिंहविष्णु द्वारा स्थापित पल्लव वंश (pallav vansh) की राजधानी काँची थी| संस्थापक सिंहविष्णु ने लगभग 25 वर्षों तक शासन किया| अपने 25 शासनकाल में चेर, चोल और पाण्ड्य शासकों को युद्ध में पराजित किया जिसकी जनकारी वैलूर के पालैयम ताम्रपत्र से प्राप्त हुई है| सिंह विष्णु […]

एनी फ्रेंक का वह सपना जो मरने के बाद पूरा हुआ | Anne Frank

Anne Frank : शायद आपने 10वीं क्लास में द डायरी ऑफ़ यंग गर्ल नाम की पुस्तक तो पढ़ें होंगे| और अगर नहीं पढ़े भी हैं तो मै बता दू की उसी पुस्तक ने एक छोटी बच्ची और उसके डायरी का जिक्र था| वो डायरी 15 साल की एक छोटी बच्ची एनी फ्रेंक ने लिखी थी| […]

कुषाण वंश का इतिहास | Kushan vansh History in Hindi

कुषाण वंश | Kushan vansh कुषाण वंश : कुषाणों का संवंध यूंची/तोख़ारी नामक कबीला से था जोकि की चीन में पाया जाता था! बीच में हिमालय पर्वत आ जाने के कारण यह भी मध्य एशिया से भारत आये| यह कबीला भी पांच भागों में बटा था और उसी में से एक था कुषाण| कुषाण वंश […]

गुप्त वंश का इतिहास | Gupt vansh History

Gupt vansh : भारत में मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद कोई बड़ा साम्रज्य स्थापित नहीं हुआ वल्कि छोटे-छोटे क्षेत्रीय राजवंशों के रूप था जोकि इतना मजबूत नहीं थे अतः इस समय अवधि के दौरान कई विदेशी आक्रमणकारी भारत में अपना प्रभुत्व जामने का पूरा प्रयास किया| गुप्त वंश (Gupt vansh) गुप्त साम्राज्य का उदय […]

गुप्त प्रशासन एवं समाज की विशेषता | Gupt kalin Prashasan

गुप्त प्रशासन : गुप्त काल के शुरुआत में राजा सबसे महत्वपूर्ण होते था लेकिन उतना नहीं जितना की मौर्य काल के राजा महत्वपूर्ण होते था! क्योंकी दूर के क्षेत्रो पर केंद्र का पूरी तरह से नियंत्रण नहीं था वल्कि वहां के सामंत (आज के मुख्यमंत्री) स्वतंत्र तरीके से शासन चलाते थे! आगे चलकर जैसे-जैसे राजा […]

हूण एक क्रूर जनजाति, कौन थें और कहाँ से आये?

हूण हूण यह मध्य एशिया में पायी जानेवाली एक क्रूर जनजाति थी जोकि खानावादोश की तरह अपना जीवन व्यतीत करती थी| हूणों की जनसँख्या धीरे-धीरे वृद्धि हो रहा था जिसे वासाने के लिए नए भूमि की तलाश थी| भूमि की तलाश में एक समूह बनाकर निकले तो यह समूह दो शाखाओं में में बट गई […]

सल्तनत कालीन प्रशासन कैसा था?

सल्तनत कालीन प्रशासनिक व्यवस्था दो भागों में विभाजित थी पहला केन्द्रीय जिसका प्रमुख सुल्ताना कहलाता था और दूसरा प्रांतीय, प्रान्त को इक्ता भी कहा जाता था जोकि की केंद्र के अधीन कार्य करता था| सल्तनत कालीन प्रशासन सल्तनत कालीन शासन व्यवस्था निम्न रूप में विभाजित था, केंद्र > प्रान्त > परागन > ग्राम अर्थात ग्राम […]