कवासी लखमा | Kawasi Lakhma Biography in hindi

अपने बेवाक व्यान और अनूठे अंदाज के लिए जाने-जानेवाले कवासी लखमा अशिक्षित परिवार से आते है| लखमा के परिवार से उनकी पीढ़ी का कोई भी सदस्य शायद ही स्कुल गया होगा| शिक्षा के सन्दर्भ में कहा जाता है की kawasi lakhma जब विधायक बने तो उनके पिता कवासी अरमा को ये पता भी नहीं था की विधायक बनाने के क्या होता है|

कवासी लखमा (Kawasi Lakhma)

कवासी लखमा का जन्म 1953 ई० को छतीसगढ़ के सुकमा जिले के ‘नागाराज’ नामक गाँव में हुआ| गोंड आदिवासी समाज से संबंध रखने वाले कवासी लखमा मूल रूप से कृषक थे हालाँकि आदिवासी परम्परिक नृत्य कला में माहिर है|

आर्थिक सामाजिक रूप से पिछड़ेपन होने के कारण लखमा का परिवार सामाज के मुख्य धारा से दूर रह गए| इस बार में चर्चा करते हुए एक वार कवासी लखमा में कहा था, की मेरा गाँव शायद सबसे गरीब गाँव होगा जिसे की नक्सलियों ने समाज की मुख्य धरा से दूर कर रखा था| स्वंय के बारे में कहें की शायद मै गाँव का अकेला इंसान हूँ जो साफ कपडे पहनता हूँ और वह भी विधायक बनाने के कारण|

राजनितिक जीवन

राजनीति में कदम रखने के बाद वर्ष 2003 में लगभग 51 प्रतिशत वोटो के अन्तराल से जीते और 2008, 2013 और 2018 में में भी जीत कर विधायक बने| कवासी लखमा शायद कांग्रेस के एकमात्र विधायक है जोकि छतीसगढ़ के गठन के बाद से ही लगातार चुनाव जीतते आये है|

लखमा विधायक बनाने के पहले गांव के सरपंच के रूप में काम किए है| सरपंच के रूप में अच्छे कार्य के लिए दो वार सर्वश्रेष्ठ सरपंच के पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं| kawasi lakhma कोई भी औपचारिक शिक्षा ग्रहण नहीं किए हैं पर फिर भी राज्य व देश और विदेश के राजनीति के मामले में अच्छी पकड़ रखते है| लखमा सिंगापुर, न्यूजीलैंड और ऑस्टेलिया जैसे देशों की विदेश यात्रा भी कर चुके है|

कवासी लखमा बहुत ही भाग्यशाली थे क्योंकी 2013 में हुए नक्सली हमले में कांग्रेस के करीब दो कांगेसी नेता मारे गए थे| इस कारण उनपर कई बारे हमले में शामिल होने के आरोप लगते रहे है लेकिन अब तक कोई भी साबुत नहीं मिला है|

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