Mahajanpad Kal : छठी शताब्दी ईसा पूर्व में व्यापार की प्रगति, लोहे का व्यापक प्रयोग, मुद्रा का प्रचलन एवं नगरों का पुनः उत्त्थान से सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक एवं राजनितिक में तेजी परिवर्तन आया|
महाजनपद काल | Mahajanpad kal
कृषि में नई तकनीक एवं लोहे के प्रयोग के कारण अधिशेष उत्त्पन होने लगा जिससे वाणिज्य व व्यापार को बल और भारत में दूसरी नगरीय क्रांति आई अतः उत्तर भारत में जो पहले जनपद हुआ करते थे वह महाजनपदों में परिवर्तित होने लगें| पहले जब आर्य भारत वर्ष आये थे तो काबिले के रूप में आये थे फिर कबीलों के समूह से जन बना फिर जन से जनपद और फिर जनपद से महाजनपद बना| भारत में कुल 16 महाजनपद था जिसकी जनकारी बौद्ध ग्रंथ अंगुतर निकाय व महावस्तु एवं जैन ग्रंथ भगवती शुत्र में मिलता है| – उत्तर वैदिक काल विस्तार से
कालांतर में सभी 16 महानपदों के वर्चस्व का संघर्ष शुरू हुआ इसमें मगध, कोशल, वत्स और अवन्ती सबसे शक्तिशाली जनपद था किन्तु मगध में मगध में एक एक जीत लिया और उसे मगध साम्राज्य में मिला लिया| इस 16 महाजनपदों में दो तरह से शासन प्रणाली होता था एक राजतंत्र तथा दूसरा गणतंत्र लेकिन अधिकतर महाजनपदों राजतंत्र ही होता था|
महाजनपद | राजधानी | वर्तमान | महत्वपूर्ण बिंदु |
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मगध | राजगृह / गिरिव्रज | पटना- गया (बिहार) | सबसे शक्तिशाली था |
अंग | चंपा | भागलपुर मुंगेर (बिहार) | |
वज्जी संघ | वैशाली /विदेहा / मिथला | मुजफ्फरपुर दरभंगा (बिहार) | |
काशी | वाराणसी | वाराणसी (उत्तर प्रदेश) | |
वत्स | कौशाम्बी | इलाहबाद (उत्तर प्रदेश) | |
कोशल | श्रावस्ती | फैजाबाद (उत्तर प्रदेश) | |
अवन्ती | उज्जैन / महिष्मती | मालवा (मध्य प्रदेश) | |
मल्ल | कुशावती | देवरिया (उत्तर प्रदेश) | |
पंचाल | अहिच्छत्र, काम्पिल्य | बरेली बदायूं, फरुखाबाद (उत्तर प्रदेश) | |
चेदी | शक्तिमती | बुंदेलखंड (उत्तर प्रदेश) | राजा शिशुपाल |
कुरु | इन्द्रप्रस्त | दिल्ली मेरठ हरियाणा | महाभारत में चर्चित |
मत्स्य | विराटनगर | जयपुर (राजस्थान) | |
कम्बोज | हाटक | राजोरी, हजारा | (भारत से बाहर) |
शूरसेन | मथुरा | मथुरा (उत्तर प्रदेश) | |
अश्मक | पोटली / पोतन | गोदावरी | दक्षिण भारत का एक मात्र महाजनपद |
गंधार | तक्षशिला | रावलपिंडी, पेशावर (पाकिस्तान) |
वज्जी आठ जनपदों का संघ था इसी आठ जनपदों में से एक था लिच्छवी जहाँ की विश्व में सबसे पहले गणतंत्र की स्थापना हुआ और वैशाली इसी लिच्छवी की राजधानी थी साथ ही साथ आठ संघों की भी राजधानी थी|
गंधार महाजनपद की की राजधानी तक्षशिला थी जोकि प्राचीन काल में विद्या एवं व्यापार का प्रमुख्य केंद्र हुआ करता था|
मगध – यह सभी महाजनपदों में सबसे सक्तिशाली महाजनपद था!!
माल्य – यह जनपद गणतंत्रमक शासन प्रणाली थी, इसी महाजनपद में गौतम बुद्ध को निर्वाण (मृत्यु) की प्राप्ति हुई!
चेदी – यहाँ की राजा शिशुपाल था जिसका वध श्री कृष्ण के द्वारा किया गया था!
कुरु – इसकी राजधानी इन्द्रप्रस्त था जोकि महाभारत काल में सबसे रहा!
अश्मक – दक्षिण भारत में स्थित एक मात्र महाजनपद था!
गंधार तथा कम्बोज – यह दोनों महाजनपद वर्त्तमान में भारत के बाहर स्थ्तित है!